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भारत के टॉप 10 हेलमेट ब्रांड 2025 – सुरक्षित और स्टाइलिश राइडिंग के लिए बेस्ट हेलमेट

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 नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपके अपने ब्लॉग रीड मी भारत में,तो दोस्तो हमारा आज का लेख संबंधित है बाइक चलाते समय प्रयोग में लिए जाने वाले हेलमेट से , तो दोस्तो यदि आप दोपहिया वाहन जैसे मोटरसाइकिल , स्कूटी आदि चलाते हैं तो आपको हेलमेट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए इसे अपने सिर पर बोझ की तरह न देखें क्योंकि हेलमेट सिर्फ एक नियम तक ही सीमित नहीं है बल्कि किसी यातायात दुर्घटना में आपकी जान बचाने वाला एक भरोसेमंद मित्र या साथी है हमारा देश भारत 140 करोड़ की आबादी वाला एक विशाल देश है जिसमें आए दिन  कहीं न कहीं पर रोड एक्सीडेंट्स होते रहते है भारत में रोड एक्सीडेंट के मामलों को देखते हुए एक मजबूत एवं भरोसेमंद हेलमेट का होना बेहद जरूरी है भारतीय मार्केट में हेलमेट बनाने के क्षेत्र में अनेक देसी–विदेशी कंपनिया कार्य कर रही हैं लेकिन इनमें से किस ब्रांड के हेलमेट सबसे ज्यादा मजबूत है इस बात का पता लगाने में आपके लिए मुश्किल हो सकती है आपकी इसी मुश्किल को दूर करने के लिए हम आपके लिए लाए है भारत के टॉप 10 हेलमेट ब्रांड जो आपको  सुरक्षा,स्टाइल और कंफर्ट का उत्तम संयोजन देते हैं तथा बाइक र...

संपूर्ण विश्व में अपना साम्राज्य स्थापित करने वाले अंग्रेजों को आखिर क्यों भारत में एक मिट्टी के दुर्ग के आगे घुटने टेकने पड़े।

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  नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आपके अपने ब्लॉग रीड मी भारत में,तो मेरे प्यारे दोस्तों आज के इस ब्लॉग के अंदर हम चर्चा करेंगे भारत के एक ऐसे दुर्ग की जिसे आज तक कोई भी शत्रु सेना जीत नहीं सकी एक ऐसा दुर्ग जिसपर मुगलों मराठों तथा अंग्रेजों द्वारा अनेकों बार आक्रमण किए गए लेकिन इस दुर्ग को जीत नहीं पाए तो चलिए चलते है और जानते है कि आखिर यह कौनसा दुर्ग था ।   लोहागढ़ दुर्ग                 भरतपुर स्थित लोहागढ़ का अजेय दुर्ग लोहागढ़ का दुर्ग राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित है इस दुर्ग का निर्माण जाटों का अफलातून कहे जाने वाले जाट शासक महाराजा सूरजमल ने करवाया था। महाराजा सूरजमल एक महान योद्धा होने के साथ साथ महान कूटनीतिज्ञ तथा रणनीतिज्ञ भी थे उन्होंने अपनी दूरदर्शी सोच एवं बुद्धिमानी के बल पर एक ऐसे अभेद्य दुर्ग का निर्माण करवाया था जो इतिहास में एक अजेय दुर्ग के नाम से जाना गया यह एक ऐसा दुर्ग था जिसने मुगलों तथा अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए थे संपूर्ण विश्व में अपना साम्राज्य स्थापित करने वाले अंग्रेजों एवम् उनकी सेना ने भरतपुर में...

कोहिनूर हीरे के बारे में कुछ ऐसे तथ्य जिन्हें आप नहीं जानते होंगे।

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  नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है गुरुदत्त सिंह और आज में आपके लिए लाया हु एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक जो कि संबंधित है दुनिया के सबसे प्रसिद्ध रत्न कोहिनूर हीरे से। यदि आपको यह लेख पसंद आए तो कमेंट में अपनी राय जरूर रखें। तो चलिए चलते हैं और कोहिनूर हीरे के अनजाने तथ्यों के बारे में जानते हैं। कोहिनूर: एक श्रापित हीरा कोहिनूर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध हीरों में से एक है। यह भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के गोलकुंडा खदानों में पाया गया था। कोहिनूर का अर्थ है "प्रकाश का पर्वत"। यह नाम इसकी सुंदरता और चमक के कारण दिया गया था। कोहिनूर का इतिहास सदियों पुराना है। ऐसा माना जाता है कि यह हीरा 13वीं शताब्दी में खोजा गया था। इसके बाद, यह कई हाथों से होता हुआ अंततः 1849 में ब्रिटिश साम्राज्य के कब्जे में आ गया। कोहिनूर को एक श्रापित हीरा माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी इसे अपने पास रखता है, उसके साथ कुछ न कुछ बुरा होता रहता है। इस श्राप के कारण, कोहिनूर को कभी भी किसी राजा या रानी ने नहीं पहना। कोहिनूर वर्तमान में ब्रिटिश शाही परिवार के पास है। यह लंदन के टॉवर में प्रदर्शित है। कोहिनूर ...