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क्या AI रोबोट्स इंसानों के लिए खतरा बन सकते है ?

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 नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपके अपने ब्लॉग रीड मी भारत में,तो दोस्तो आज का लेख AI रोबोट्स और उनसे मानव के लिए उत्पन्न खतरों पर आधारित है एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) रोबोट्स इंसानों के लिए कुछ हद तक खतरा बन सकते हैं, लेकिन यह कई बातों पर निर्भर करता है—जैसे कि एआई किस प्रकार की है, उसका उपयोग किस उद्देश्य से हो रहा है, और उस पर कितनी मज़बूत निगरानी या नियंत्रण है। एआई रोबोट्स से जुड़े संभावित खतरे 1.शारीरिक खतरे (जैसे दुर्घटना या तकनीकी खराबी): यदि एआई रोबोट्स में कोई त्रुटि या खराबी आ जाए, तो वे इंसानों को शारीरिक नुकसान पहुँचा सकते हैं। कुछ मामलों में ऐसा देखा भी गया है—जैसे एक यूनिट्री (Unitree) रोबोट ने एक तकनीकी खराबी के चलते अचानक अनियमित रूप से हिलना-डुलना शुरू कर दिया, जिससे आस-पास के लोगों को खतरा हुआ।1. 2.स्वचालित हथियार: सेना में एआई का उपयोग अत्याधुनिक हथियारों में किया जा रहा है। यदि ये हथियार बिना मानवीय नियंत्रण के निर्णय लेने लगें, तो यह गंभीर चिंता का विषय हो सकता है। इनके गलत इस्तेमाल या खराबी से जानलेवा परिणाम हो सकते हैं। 3.साइबर सुरक्षा जोखिम: एआई रोबोट्स को ...

आखिर कैसे अमेरिका विश्व का सबसे शक्तिशाली देश बना ?

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 नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपके अपने ब्लॉग रीड मी भारत में,तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के बारे में जो वर्षों तक ब्रिटेन फ्रांस तथा स्पेन जैसे यूरोपीय देशों का गुलाम रहा और स्वतंत्रता मिलने के पश्चात विश्वपटल पर एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरता है तो दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि आख़िर किस प्रकार अमेरिका विश्व का सबसे शक्तिशाली देश बना। अमेरिका के सुपरपावर बनने के क्रम को नीचे दिए गए  कुछ निम्न बिन्दुओं के माध्यम से समझा जा सकता है। 1. अमेरिका की खोज अमेरिका की खोज का श्रेय क्रिस्टोफर कोलंबस को दिया जाता है 3 अगस्त 1492 को एक इटालियन खोजकर्ता तथा नाविक क्रिस्टोफर कोलंबस अपने जहाजी बेड़े के साथ समुद्री सफर पर निकलता है इसके इस सफर का मकसद था भारत की खोज करना लेकिन वो रास्ता भटक जाता है और भारत की खोज के बजाय अमेरिका को ढूंढ़ लेता है जैसे ही वह अमेरिका पहुंचता है तो वह अमेरिका के स्थानीय लोगों को देखता है तथा उन्हें रेड इंडियंस नाम देता है ये रेड इंडियंस अमेरिका में रहने वाली एक स्थानीय जनजाति थी इस जनजाति के लोग आज ...

क्या आप जानते हैं कि झंडे(ध्वज) का उपयोग सर्वप्रथम किन देशों में प्रारंभ हुआ।

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 झंडे आज के समय में किसी भी देश, संगठन या आंदोलन की पहचान बन चुके हैं। वे न सिर्फ राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक होते हैं, बल्कि उनके रंग, चिन्ह और आकार में एक गहरा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदेश छिपा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि झंडों का उपयोग सबसे पहले किन देशों ने शुरू किया था? प्राचीन काल में झंडों की शुरुआत झंडों का इतिहास हजारों साल पुराना है। प्राचीन सभ्यताओं ने युद्ध के मैदान में सेनाओं को संगठित करने और पहचानने के लिए झंडों या ध्वजों का प्रयोग किया। सर्वप्रथम जिन क्षेत्रों में झंडों का उपयोग देखा गया, वे थे: 1. चीन (China) चीन में झंडों का उपयोग ईसा पूर्व 11वीं सदी में झोउ वंश (Zhou Dynasty) के समय से होता आ रहा है। तब के झंडे मुख्यतः सैन्य झंडे होते थे जिनमें जानवरों या प्रतीकों की आकृतियाँ होती थीं। युद्ध के मैदान में यह ध्वज कमांडरों और उनके सैनिकों की पहचान का प्रमुख माध्यम था। 2. रोम (Rome) प्राचीन रोमन साम्राज्य में "वेक्सिलम" (Vexillum) नामक ध्वज का उपयोग होता था। यह एक कपड़े का टुकड़ा होता था जो एक क्षैतिज क्रॉसबार से लटका होता था। रोमनों ने इस ध्वज का उपयोग स...

धरती पर करोड़ वर्षों तक राज करने वाले डायनासोरों का अंत कैसे हुआ ?

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डायनासोर व उनका रहस्यमय अंत  डायनासोर, जिनका वैज्ञानिक नाम डायनासोरिया होता है डायनासोरिया लैटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है भयानक तथा बड़ी छिपकली,डायनासोर को हिंदी में भीमसरट कहा जाता है डायनासोर वो विशालकाय जीव थे जिन्होंने 16 करोड़ वर्षों से भी अधिक समय तक धरती पर एकक्षत्र राज किया  था ये विशालकाय जीव ट्राईएसिक युग के अंत से लेकर क्रेटेशियस युग के अंत तक अस्तित्व में रहे इसके बाद ये विलुप्त होते चले गए इनके विलुप्त होने के विद्वानों द्वारा अनेकों कारण बताए गए जिनमें से अनेकों कारणों का वर्णन आगे किया गया है। उल्कापिंडों का धरती पर गिरना कहानी शुरू होती है लगभग 6.5 करोड़ साल पहले, जब एक विशालकाय उल्कापिंड (asteroid) पृथ्वी की ओर तेज़ी से बढ़ रहा था। इसकी चौड़ाई थी करीब 10–12 किलोमीटर — यानी लगभग एक पहाड़ जितनी बड़ी चट्टान! एक दिन, यह उल्कापिंड मैक्सिको के पास स्थित युकाटन प्रायद्वीप से आ टकराया। टकराव इतना भयंकर था कि लगभग 10 अरब हिरोशिमा बमों के बराबर ऊर्जा निकली। आसमान में धूल और राख भर गई, सूरज की रोशनी धरती तक नहीं पहुँच सकी। तापमान गिर गया। पौधे मुरझा गए। भोजन ...

How America became the most powerful country on Earth.

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Today America is the country with the largest economy in the world. America has the most powerful military and the most expensive international currency. But America was not like this from the beginning. There was a time when this country was also living in poverty and slavery. Christopher Columbus discovered America in the year 1492, but in reality America became a superpower in 1898 after the war between America and Spain. After the discovery of America, there was a competition among European countries to capture it. In the end, like India, America too was made a slave of England. England exploited America badly. After about 250 years, America got independence from England, when George Washington became the first President of America on 4 July 1776. From here America started making itself a superpower. America continued to expand its borders till the end of the 19th century. US-Spanish War America fought many wars to expand its borders. In 1898, there was a war with Spain over Cuba, ...

आखिर क्यों शहरों के नाम के पीछे बाद गढ़ तथा पुर लगाया जाता है।

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नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपके अपने ब्लॉग रीड मी भारत में, तो दोस्तो आज के इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर शहरों एवम् नगरों के नाम के पीछे पुर गढ़ एवं बाद क्यों लगाया जाता है इसके अलावा इस लेख में हम यह भी जानेंगे कि इन शब्दों का प्रयोग स्थानों के नाम निर्धारण के लिए कब से होने लगा था। भारत में अनेक स्थानों एवं शहरों के नाम के पीछे पुर गढ़ तथा बाद शब्द लगा हुआ है भारत में विभिन्न स्थानों के नाम के पीछे पुर गढ़ एवं बाद (आबाद) जैसे शब्दों को जोड़ने की यह प्राचीन परम्परा हमारी सांस्कृतिक सामाजिक ऐतिहासिक और भौगोलिक विविधता को दर्शाती है।  भारतीय शहरों के नाम भारत एक विशाल देश है जिसमें अनेकों छोटे बड़े शहर कस्बे एवं गांव  शामिल है जिनमें से ज्यादातर शहरों के नाम के पीछे पुर गढ़ और आबाद जैसे शब्द लगे हुए है यह परम्परा भारत में पुराने समय से ही चली आ रही है ये शब्द किसी स्थान की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को दर्शाने के अलावा उस स्थान की भौगोलिक और सामाजिक विशेषताओं को भी इंगित करते हैं तो चलिए चलते हैं और जानते है कि इन शब्दों का क्या अर्थ है तथा इन्हें स्थानों के नाम के पीछे जोड़न...

विश्व के पांच सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे || Top 5 biggest stadium in the world

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   नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपके अपने ब्लॉग रीड मी भारत में, तो दोस्तों आज का लेख एक ऐसे खेल से संबंधित है जो ज्यादातर लोगों का प्रिय खेल होता है और ये क्रिकेट का खेल है जी हां आज के समय में छोटे बच्चे से लेकर बड़े तक सभी क्रिकेट के दीवाने हैं अगर बात करें भारत की तो क्रिकेट भारत में सबसे ज्यादा खेले जाने वाले खेलों में शामिल है विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारत में क्रिकेट के प्रति दीवानगी सबसे ज्यादा देखने को मिलती है लेकिन क्या आप जानते है कि क्रिकेट मैच के लिए जिन स्टेडियमों का प्रयोग किया जाता वो भारत कितनी संख्या में उपलब्ध हैं तो दोस्तों आपको बता दें कि इन क्रिकेट स्टेडियमों की संख्या भारत में 52 है जो कि संपूर्ण विश्व में सर्वाधिक है इनका रखरखाव भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अर्थात BCCI के द्वारा किया जाता है  वहीं हम बात करें विश्व के पांच सबसे बड़े स्टेडियमों के बारे में तो इसमें भारत समेत अन्य देशों के क्रिकेट स्टेडियम भी शामिल हैं तो चलिए दोस्तों जानते है इन विशाल क्रिकेट स्टेडियमों के बारे में।   1 – मोटेरा स्टेडियम मोटेरा स्टेडियम जिसे नरेंद्र मोदी ...

कोहिनूर हीरे के बारे में कुछ ऐसे तथ्य जिन्हें आप नहीं जानते होंगे।

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  नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है गुरुदत्त सिंह और आज में आपके लिए लाया हु एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक जो कि संबंधित है दुनिया के सबसे प्रसिद्ध रत्न कोहिनूर हीरे से। यदि आपको यह लेख पसंद आए तो कमेंट में अपनी राय जरूर रखें। तो चलिए चलते हैं और कोहिनूर हीरे के अनजाने तथ्यों के बारे में जानते हैं। कोहिनूर: एक श्रापित हीरा कोहिनूर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध हीरों में से एक है। यह भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के गोलकुंडा खदानों में पाया गया था। कोहिनूर का अर्थ है "प्रकाश का पर्वत"। यह नाम इसकी सुंदरता और चमक के कारण दिया गया था। कोहिनूर का इतिहास सदियों पुराना है। ऐसा माना जाता है कि यह हीरा 13वीं शताब्दी में खोजा गया था। इसके बाद, यह कई हाथों से होता हुआ अंततः 1849 में ब्रिटिश साम्राज्य के कब्जे में आ गया। कोहिनूर को एक श्रापित हीरा माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी इसे अपने पास रखता है, उसके साथ कुछ न कुछ बुरा होता रहता है। इस श्राप के कारण, कोहिनूर को कभी भी किसी राजा या रानी ने नहीं पहना। कोहिनूर वर्तमान में ब्रिटिश शाही परिवार के पास है। यह लंदन के टॉवर में प्रदर्शित है। कोहिनूर ...