JAAT: तीन दिनों में कैसा रहा सनी देओल की नई फिल्म जाट का प्रदर्शन।

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  नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपके अपने ब्लॉग रीड मी भारत में , तो दोस्तो आज का ये लेख संबंधित है तीन दिन पहले रिलीज हुई अभिनेता सनी देओल की जाट मूवी से जो एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है।यह फिल्म अपनी दमदार स्टोरी और स्टारकास्ट के दम पर लगातार सुर्खियों में बनी हुई है।सोशल मीडिया पर भी फिल्म का क्रेज बढ़ता जा रहा है थिएटरों से फिल्म देखकर निकलने वाले सभी दर्शक फिल्म को पॉजिटिव रिव्यू दे रहे है फिल्म देखकर दर्शक खुशी से झूम उठे हैं क्योंकि गदर 2 के बाद अभिनेता सनी देओल ने फिल्म जाट से धमाल मचा दिया है।फिल्म ने अपने पहले दिन भारत में 9.50 करोड़ का कलेक्शन किया दूसरे दिन 7 करोड़ रुपए का तथा तीसरे दिन फिल्म ने 10 करोड़ का कलेक्शन किया वही फिल्म अपने चौथे दिन  13 से 15 करोड़ रुपए का कलेक्शन कर सकती है। फिल्म का नाम भले ही जाट हो लेकिन यह फिल्म किसी भी प्रकार से जातिवाद पर आधारित नहीं है फिल्म की स्टोरी बहुत ही दमदार है जो निश्चित ही आपको पसंद आयेगी अन्याय पर न्याय की विजय को दर्शाती हुई यह एक बेहतरीन फिल्म है सभी लोगों को बिना किसी संकोच के फिल्म जाट को देखना चाहिए इसके अलावा फिल्म को परिवा...

आखिर क्यों शहरों के नाम के पीछे बाद गढ़ तथा पुर लगाया जाता है।

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपके अपने ब्लॉग रीड मी भारत में, तो दोस्तो आज के इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर शहरों एवम् नगरों के नाम के पीछे पुर गढ़ एवं बाद क्यों लगाया जाता है इसके अलावा इस लेख में हम यह भी जानेंगे कि इन शब्दों का प्रयोग स्थानों के नाम निर्धारण के लिए कब से होने लगा था।
भारत में अनेक स्थानों एवं शहरों के नाम के पीछे पुर गढ़ तथा बाद शब्द लगा हुआ है भारत में विभिन्न स्थानों के नाम के पीछे पुर गढ़ एवं बाद (आबाद) जैसे शब्दों को जोड़ने की यह प्राचीन परम्परा हमारी सांस्कृतिक सामाजिक ऐतिहासिक और भौगोलिक विविधता को दर्शाती है। 



भारतीय शहरों के नाम

भारत एक विशाल देश है जिसमें अनेकों छोटे बड़े शहर कस्बे एवं गांव  शामिल है जिनमें से ज्यादातर शहरों के नाम के पीछे पुर गढ़ और आबाद जैसे शब्द लगे हुए है यह परम्परा भारत में पुराने समय से ही चली आ रही है
ये शब्द किसी स्थान की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को दर्शाने के अलावा उस स्थान की भौगोलिक और सामाजिक विशेषताओं को भी इंगित करते हैं तो चलिए चलते हैं और जानते है कि इन शब्दों का क्या अर्थ है तथा इन्हें स्थानों के नाम के पीछे जोड़ने का क्या कारण है।

1 – "पुर" शब्द का महत्व

पुर संस्कृत भाषा का एक प्राचीन शब्द है जिसका आशय किला तथा शहर से है  पुर शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख ऋग्वेद ग्रन्थ में मिलता है यह शब्द मनुष्यों के रहने की जगह या नगरों को संदर्भित करता है प्राचीन समय में राजा महाराजा अपने राज्यों के पीछे पुर शब्द का इस्तेमाल करते थे जो उनकी परम्परा में शामिल था ऐसा करने से उस क्षेत्र की सुरक्षा और सामरिक महत्व को दर्शाया जाता था राजस्थान के भरतपुर शहर का नाम भगवान राम के भाई भरत के नाम पर किया गया था जिसमें पुर जोड़कर इसे भरतपुर बना दिया गया ठीक इसी प्रकार जयपुर का नामकरण भी वहां के राजा जयसिंह के नाम पर हुआ जिसमें पुर जोड़कर जयपुर बना दिया गया।देश में उदयपुर जोधपुर रामपुर नागपुर तथा सहारनपुर जैसे शहरों के नाम भी इसी प्राचीन प्रथा का हिस्सा है। भारत के अतिरिक्त ईरान अफगानिस्तान तथा सिंगापुर में भी पुर शब्द का प्रयोग किया गया है जो देशों के एक दूसरे के प्रति सांस्कृतिक संबंध को भी दर्शाता है।

2 – "गढ़" शब्द का महत्व तथा अर्थ

बहुत ही कम लोग होंगे जिन्हें गढ़ शब्द का अर्थ न पता हो गढ़ शब्द बहुत ही सामान्य और सुलझा हुआ शब्द है जिसका अर्थ दुर्ग या किला होता है भारत के इतिहास में अनेकों किले तथा गढ़ अपनी महत्वपूर्णता के लिए जाने जाते हैं जैसे चित्तौड़गढ़,लोहागढ़,इत्यादि। जिन स्थानों के नाम के पीछे गढ़ शब्द लगा हुआ होता है वहां सुरक्षा के लिए मजबूत किले बने हुए होते हैं तथा गढ़ शब्द उस स्थान के किलेबंदी इतिहास को दर्शाता है स्थानों के नाम के पीछे गढ़ लगाने की यह प्रथा राजस्थान पंजाब उत्तरप्रदेश छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में मुख्य रूप से प्रचलित है इन स्थानों पर आज भी अनेकों प्राचीन किलों और दुर्गों की उपस्थिति देखी जाती है गढ़ शब्द की इसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखते हुए स्थानों के नाम के पीछे गढ़ शब्द लगाया जाता है।

3 – "आबाद" शब्द का महत्व

भारत में अनेकों शहर एवं कस्बे ऐसे है जिनके नाम के पीछे आबाद शब्द लगा हुआ है जैसे गाजियाबाद,फरीदाबाद,इलाहाबाद,फिरोजाबाद इत्यादि।आबाद फ़ारसी भाषा का शब्द है जो आब से बना है आब शब्द का अर्थ "जल तथा जीवन" होता है।इसी तरह फ़ारसी भाषा के शब्द आबाद का अर्थ भी "बसाई हुई जगह" तथा "उपजाऊ भूमि" होता है। मुगलकाल में अनेक शासकों ने अपने नाम पर अनेक शहरों की स्थापना की जिनके नाम के पीछे बाद शब्द जोड़ा गया। ऊपर दिए गए नाम इसके प्रमुख उदाहरण हैं मुगलकाल में ही "बाद" शब्द प्रचलन में आया जो मुगल शासकों के प्रभाव के साथ –साथ कृषि के लिए उपजाऊ भूमि को भी दर्शाता है।

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