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द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना (चीन की महान दीवार) सिर्फ एक विशाल निर्माण नहीं, बल्कि इतिहास का वो अध्याय है जो हजारों सालों से दुनिया को चकित करता रहा है। हर किसी के मन में सवाल होता है: आख़िर इस दीवार को किसने बनवाया और क्यों?आइए जानते हैं इस महान संरचना के पीछे की सच्ची कहानी।
दुनिया की यह सबसे लंबी दीवार मुख्य रूप से चीन के पहले सम्राट, किन शी हुआंग (Qin Shi Huang) द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बनवाना शुरू की गई थी। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि दीवार का निर्माण एक साथ नहीं हुआ।इसे लगभग 20 से अधिक राजवंशों द्वारा अलग-अलग समय पर बनवाया और जोड़ा गया।
Qin राजवंश (221–206 ईसा पूर्व)
Han राजवंश (206 ईसा पूर्व – 220 ई.)
Ming राजवंश (1368–1644 ई.)
👉 Ming राजवंश के समय दीवार को आज के रूप में सबसे ज्यादा मजबूत, ऊंचा और लंबा बनाया गया।
ग्रेट वॉल ऑफ चाइना को बनवाने के पीछे अनेकों मुख्य उद्देश्य थे:
उत्तरी दिशा से बार-बार मंगोल और अन्य घुसपैठिए चीन पर हमला करते थे। दीवार ने इन आक्रमणों को रोकने में एक रक्षा कवच का काम किया।
इस दीवार ने चीन की भौगोलिक सीमाओं को परिभाषित किया और चीन के अलग-अलग राज्यों को एकजुट किया।
दीवार पर वॉच टावर्स बनाए गए थे, जिनसे सैनिक दुश्मनों की गतिविधियों पर नज़र रखते थे।
सम्राटों ने इस दीवार को अपनी ताकत और साम्राज्य की एकता के प्रतीक के रूप में भी बनवाया था। इसकी कुल लंबाई लगभग 21,196 किलोमीटर (13,000 मील) है।
यह इतनी लंबी है कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है (हालांकि यह विवादास्पद है)।दीवार में ईंट, पत्थर, लकड़ी, और मिट्टी जैसी सामग्रियों का उपयोग हुआ।
लाखों मजदूरों, किसानों, सैनिकों और कैदियों ने इस दीवार को बनाने में योगदान दिया।कई लोग कठिन परिस्थितियों में काम करते हुए अपनी जान भी गंवा बैठे।यह दीवार उन अनगिनत लोगों की मेहनत और बलिदान की कहानी कहती है।
1987 में यूनेस्को ने इसे World Heritage Site घोषित किया।
यह आज भी चीन की संस्कृति, इतिहास और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है।
हर साल लाखों पर्यटक इसे देखने के लिए आते हैं।
द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना सिर्फ ईंटों और पत्थरों की दीवार नहीं है। यह चीन की एकता, उसकी रणनीति, सम्राटों की दूरदर्शिता और अनगिनत लोगों की मेहनत का साक्षात प्रमाण है।
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